Kavi Shreedhar (Dwitiya)
कवि श्रीधर (द्वितीय)
श्रीधर कवि को विबुध श्रीधर भी कहा गया है। श्रीधर कभी चंद्रवाड नगर में विराजमान थे। श्रीधर कवि का समय लगभग तेरहवीं शताब्दी माना गया है। इनकी एकमात्र रचना भविसयत्त चरिउ उपलब्ध है। इस ग्रंथ का प्रमाण 1530 श्लोक है। इस ग्रंथ में भविष्य दत्त की जीवन की घटनाओं का चित्रण किया गया है। इस ग्रंथ में प्राचीन काव्य परंपराओं का पालन करते हुए प्राकृतिक सौंदर्य का सुंदर वर्णन किया गया है। इस ग्रंथ में कवि ने बहुत ही रोचकता से संवाद लिखे हैं।